
पश्चिमी घाट के इन दुलर्भ पक्षियों के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में आना बताता है कि यहां का वातावरण वन्यजीवों के लिए काफी अनुकूल है।
बीजापुर जिले में स्थित छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े इंद्रावती टाइगर रिजर्व से एक बार फिर वन्यजीव प्रेमियों के लिए सुखद खबर आई है। यहां पक्षियों की संकटापन्ना प्रजाति मानी जा रही मालाबार पाइड हार्नबिल का झुंड देखा गया है। कुछ दिनों पहले यहां एक नया बाघ मिला था। हाल ही में आधा दर्जन वनभैसों का झुंड भी देखा गया है। दावा किया जाता है कि हार्नबिल की दुनिया में 55 प्रजातियां हैं, इनमें सर्वाधिक 24 आफ्रीका में और 10 प्रजाति भारत में पाई गई हैं। मालाबार पाइड हार्नबिल भारत और श्रीलंका के इलाके में पाया जाता है।
विदित हो कि इसी माह यहां बस्तर जिले में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पक्षी सर्वेक्षण कराया गया था। जहां प्रवासी पक्षियों की भी पहचान की गई थी। इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उप निदेशक धम्मशील गनवीर ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि चार दिन पहले यहां ये पक्षी देखे गए हैं।
पश्चिमी घाट के इन दुलर्भ पक्षियों के इंद्रावती टाइगर रिजर्व में आना बताता है कि यहां का वातावरण वन्यजीवों के लिए काफी अनुकूल है। यहां इंद्रावती नदी क्षेत्र में 12 से 15 की संख्या में मालाबार पाइड हार्नबिल देखे गए हैं। वन विभाग ट्रैकिंग करके इनके रहवास की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। इन पक्षियों को इस प्राकृतिक पर्यावास में क्या आकर्षित कर रहा है, इसकी जनकारी भी जुटाई जा रही है।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व बेहतर आश्रय स्थल
शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धरमपुरा के प्राणीविज्ञान विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सुशील दत्ता ने चर्चा में बताया पक्षियों में मालाबार पाइड हार्नबिल संकटापन्ना प्रजाति है। यह ऊंचे पेड़ों पर रहते हैं। भारत मंे मालाबार पाइड हार्नबिल, ग्रे हार्नबिल, ग्रेट हार्नबिल और इंडियन ग्रे हार्नबिल चार प्रजाति प्रमुख हैं। ये उन क्षेत्रों में ज्यादा पाए जाते हैं जहां रहवास के लिए ऊंचे पेड़, भोजन और पानी की पर्याप्त उपलब्धता होती है। पहले यह दुलर्भ प्रजाति नहीं थी लेकिन शिकार ने इन्हें संकटापन्ना की श्रेणी में ला दिया है।
प्रोफेसर सुशील दत्ता का कहना है कि आकार में यह बड़ा और देखने में आकर्षक होता है। इंद्रावती टाइगर रिजर्व का वातावरण वन्यजीवों के लिए अनकूल है इसलिए यहां वन्यजीवों की अच्छी मौजूदगी है। दक्षिण आंध्रप्रदेश और इससे लगे छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र क्षेत्र इनकी मौजूदगी की चर्चाएं थीं जो सही साबित हुई हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के कांकेर के चरामा, धमतरी में कुछ साल पहले ग्रे पाइड हार्नबिल पक्षी देखे गए थे। बिलासपुर के आसपास जांजगीर, कोरबा क्षेत्र में भी हार्नबिल की मौजूदगी रही है।












